BA Semester-2 Sociology - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2725
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

महत्वपूर्ण तथ्य

विश्वास धर्म का सबसे महत्वपूर्ण अंग है।

जो व्यवहार धार्मिक विश्वास से जुड़े होते हैं, उन्हीं को संस्कार अथवा अनुष्ठान कहा जाता है।

जैन धर्म के अनुसार मोक्ष प्राप्ति से पहले जीव या आत्मा बारम्बार जन्म लेता है।

बौद्ध धर्म के अनुसार आत्मा का कोई भी अस्तित्व नहीं है।

दुर्खीम ने अरुण्टा जनजाति का अध्ययन करके यह स्पष्ट किया कि यहाँ के धार्मिक विश्वास टोटामवाद पर आधारित हैं। इस जनजाति के लोग किसी पशु, पक्षी, पेड़ या स्थान को अपना टोटम मान लेते हैं। उनका विश्वास है कि वे उसी टोटम के वंशज हैं और उनका टोटम ही उन्हें हर प्रकार की मुश्किलों से बचाता है।

फ्रेजर ने अनेक जनजातियों में जादू-टोने के रूप में उनके विश्वासों की विवेचना की है।

सम्प्रदाय और पंथ किसी धर्म के अन्दर विकसित होने वाली वे शाखाएँ और उप-शाखाएँ होती हैं जो अलग-अलग विश्वासों, मार्गों और उपासना के तरीकों के द्वारा लोगों को ईश्वरीय शक्ति से जोड़ने का काम करती हैं।

जब किसी धर्म से सम्बन्धित विचार या सिद्धान्त व्यावहारिक नहीं रह जाते अथवा उन्हें समझना बहुत कठिन हो जाता है, तब एक ही धर्म के अन्दर जिस नयी शाखा का जन्म होता है, उसी को सम्प्रदाय कहते हैं।

वैदिक हिन्दू धर्म कालान्तर में वैष्णव सम्प्रदाय, शैव सम्प्रदाय तथा शाश्वत सम्प्रदाय में विभक्त हो गया है।

किसी सम्प्रदाय के अन्तर्गत जब कोई नयी सुधारवादी शाखा जन्म लेती है, तब उसी को पंथ के नाम से जाना जाता है।

इस्लाम के अन्तर्गत शिया और सुन्नी के अतिरिक्त सूफी को भी एक अलग सम्प्रदाय मानते हैं।

सूफी सम्प्रदाय के अन्तर्गत कबीर ने जिस तरह मुस्लिम अन्धविश्वासों का विरोध किया उसके कारण एक अलग 'कबीर पंथ' विकसित हो गया।

हिन्दू धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु तक गर्भाधान, पुंसवन, सीमान्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, वेदारम्भ, केशान्त, समावर्तन, विवाह तथा अन्त्येष्टि संस्कार को अधिक महत्व दिया जाता है।

गर्भाधान, पुंसवन, सीमान्तोन्नयन संस्कार बच्चे के जन्म से पूर्व किये जाते हैं।

जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकरण, कर्ण-वेध, विद्यारम्भ, उपनयन, वेदारम्भ, केशान्त अथवा गोदान, समावर्तन संस्कार इसलिये सम्पन्न किये जाते हैं ताकि बच्चे का सम्पूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास हो सके।

व्यक्ति के गृहस्थाश्रम का प्रारम्भ विवाह अनुष्ठान से होता है।

गृहस्थ आश्रम में मनुष्य को ब्रह्मयज्ञ, देवयज्ञ, भूतयज्ञ, पितृयज्ञ मनुष्य यज्ञ अनुष्ठान करना पड़ता है। इस्लाम के धार्मिक विश्वासों में कलमा पढ़ना, नमाज़ पढ़ना, रोज़ा रखना, गरीबों में खैरात बाँटना, हज करना मुख्य कर्त्तव्य माने जाते हैं।

मुसलमानों में सातवाँ, अकीका, चिल्ला, बिसमिल्लाह, निकाह तथा मैय्यत नामक अनुष्ठान किये जाते हैं।

सातवाँ - स्त्री के गर्भ में सातवें महीने में सम्पन्न किया जाता है।

अकीका पुत्र जन्म के सातवें दिन सम्पादित किया जाता है।

चिल्ला - बच्चे के जन्म के चालीसवें दिन सम्पन्न होने वाला अनुष्ठान है।

बिसमिल्लाह इसमें बालक के चार वर्ष की आयु हो जाने के बाद उसके लिंग के ऊपर की थोड़ी सी खाल काट दी जाती है।.

निकाह का सम्बन्ध स्त्री-पुरुष के वैवाहिक जीवन से है।

मैय्यत अनुष्ठान का सम्बन्ध मृत्यु से है।

ईसाइयों के प्रथम अनुष्ठान बपतिस्मा में व्यक्ति ईसाई धर्म को ग्रहण करता है।

दूसरा अनुष्ठान पुष्टिकरण तथा तीसरा अनुष्ठान आत्म-निवेदन का उद्देश्य व्यक्ति द्वारा ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण करना तथा मानसिक रूप से अपनी गलतियों तथा पापों को स्वीकार करके उनके लिये ईश्वर से क्षमा-याचना करना है।

चौथा अनुष्ठान पवित्र संचार जो एक प्रकार की सामूहिक पूजा अथवा सामूहिक भोज है जिसे ईश्वर की उपस्थिति तथा ईश्वरीय विशेषताओं को ग्रहण करने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

पाँचवाँ विवाह वह अनुष्ठान है, जो चर्च में पादरी द्वारा धार्मिक नियमों के अनुसार सम्पन्न किया जाता हैं।

सिख धर्म एक सुधारवादी धर्म है।

यह एक ऐसा धर्म है जिसके पवित्र धर्मग्रन्थ 'गुरु ग्रन्थ साहिब में रामानन्द, कबीर, सूरदास, रविदास, धन्ना, नामदेव, त्रिलोचन एवं शेख फरीद जैसे पन्द्रह भारतीय भक्तों के भजन शामिल हैं। सिख धर्म विवाह के अतिरिक्त दूसरे अनुष्ठान को महत्व नहीं देता।

रॉबर्ट रेडफील्ड ने भारत की परम्पराओं को लघु तथा वृहत् परम्परा में विभाजित करके भारत में सांस्कृतिक प्रतिमानों की भिन्नता को स्पष्ट किया है।

एस. सी. दुबे ने भी भारत के ग्रामीण जीवन का अध्ययन करके यहाँ की सांस्कृतिक विविधताओं को शास्त्रीय रीति-रिवाज, क्षेत्रीय रीति-रिवाज, स्थानीय परम्पराएँ, पश्चिमी रीति-रिवाज नवोदित राष्ट्रीय रीति-रिवाज, विभिन्न समूहों की उप-सांस्कृतिक परम्पराएँ इन मुख्य भागों में बाँटा है।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय - 1 भारतीय समाज की संरचना एवं संयोजन : गाँव एवं कस्बे
  2. महत्वपूर्ण तथ्य
  3. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  4. उत्तरमाला
  5. अध्याय - 2 नगर और ग्रामीण-नगरीय सम्पर्क
  6. महत्वपूर्ण तथ्य
  7. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  8. उत्तरमाला
  9. अध्याय - 3 भारतीय समाज में एकता एवं विविधता
  10. महत्वपूर्ण तथ्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 4 भारतीय समाज का अध्ययन करने हेतु भारतीय विधा, ऐतिहासिक, संरचनात्मक एवं कार्यात्मक परिप्रेक्ष्य
  14. महत्वपूर्ण तथ्य
  15. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  16. उत्तरमाला
  17. अध्याय - 5 सांस्कृतिक एवं संजातीय विविधताएँ: भाषा एवं जाति
  18. महत्वपूर्ण तथ्य
  19. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  20. उत्तरमाला
  21. अध्याय - 6 क्षेत्रीय, धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार
  22. महत्वपूर्ण तथ्य
  23. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 7 भारत में जनजातीय समुदाय
  26. महत्वपूर्ण तथ्य
  27. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  28. उत्तरमाला
  29. अध्याय - 8 जाति
  30. महत्वपूर्ण तथ्य
  31. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  32. उत्तरमाला
  33. अध्याय - 9 विवाह
  34. महत्वपूर्ण तथ्य
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. उत्तरमाला
  37. अध्याय - 10 धर्म
  38. महत्वपूर्ण तथ्य
  39. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  40. उत्तरमाला
  41. अध्याय - 11 वर्ग
  42. महत्वपूर्ण तथ्य
  43. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  44. उत्तरमाला
  45. अध्याय - 12 संयुक्त परिवार
  46. महत्वपूर्ण तथ्य
  47. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  48. उत्तरमाला
  49. अध्याय - 13 भारत में सामाजिक वर्ग
  50. महत्वपूर्ण तथ्य
  51. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  52. उत्तरमाला
  53. अध्याय- 14 जनसंख्या
  54. महत्वपूर्ण तथ्य
  55. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  56. उत्तरमाला
  57. अध्याय - 15 भारतीय समाज में परिवर्तन एवं रूपान्तरण
  58. महत्वपूर्ण तथ्य
  59. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  60. उत्तरमाला
  61. अध्याय - 16 राष्ट्रीय एकीकरण को प्रभावित करने वाले कारक : जातिवाद, साम्प्रदायवाद व नक्सलवाद की राजनीति
  62. महत्वपूर्ण तथ्य
  63. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  64. उत्तरमाला

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